वज्रपात से काल के गाल में समा गए ख़िरदारी मांझी

रविवार का दिन भलुका निवासी खिरधारी के लिए आफत लेकर आया। दोपहर आई बारिश के बीच हुई व्रजपात ने संखो देवी की दुनिया उजाड़ दी। पति खिरधारी की मौत की खबर पर सहसा संखो को विश्वास नहीं हुआ मगर पति का शव सामने आते ही वह अचेत हो गई। पड़ोसियों ने उसे होश में लाया। होश में आते ही दहाड़ मार नियति को कोसने लगी। सावन में वर्षा के रूप में बरसने वाली अमृत के साथ काल बरस गई। अब क्या होगा। कैसे बच्चों का पालन पोषण होगा, कैसे घर का चूल्हा जलेगा, बच्चे अनाथ हो गए। हे भगवान यह क्या कर दिया। खिरधारी अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था। घर की माली हालत खास्ता बताई जाती है। तीन पुत्र व एक पुत्री में सबसे बड़ा पुत्र सोहिल 12 वर्ष का है, जबकि इसके बाद पुत्री रिंकी 10 वर्ष, सुजीत 5 वर्ष तथा अजीत एक वर्ष का है। बच्चे भी मां के साथ बिलख रहे थे। अजीत बार बार पूछ रहा था बाबू कब आएंगे। मगर इसका जवाब किसी के पास नहीं था। बताया जाता है खिरधारी खेत में धान की रोपनी कर रहा था। इसी दौरान बारिश के साथ हुए वर्जपात की चपेट में आ गया और मौके पर ही मौत हो गई, जबकि इसी गांव का एक व्यक्ति मदन मांझी गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।

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