पीएम महोदय आपसे जितनी उम्मीदें-अपेक्षाएँ थी वह अधूरी रह गई:सुमित

चकाई के माननीय पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. लेकिन आप से जितनी उम्मीदें-अपेक्षाएं थी वह अधूरी रह गयी. पीएम साहब बिहार ने आपको प्रधानमंत्री बनाने में बड़ी भूमिका अदा की है, उसके अनुसार बिहार को विकास में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए. बिहार की प्रगति यहां के मानव संसाधन के विकास में निहित है, इसके लिए दो चीज़ बिहार की जरूरत है. एक शिक्षा और दूसरा स्वास्थ्य. शिक्षा के लिए बेहतर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि. वहीं बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बेहतरीन सरकारी हॉस्पिटल. पटना विश्वविद्यालय भारत का सबसे पुराना सातवां विश्वविद्यालय है. इससे पहले और बाद के सारे विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया जा चुका है तो फिर पटना विश्वविद्यालय की उपेक्षा क्यों? इसे दुनिया में पूर्व के ऑक्सफ़ोर्ड का दर्जा प्राप्त था. साठ के दशक तक सम्पूर्ण भारत में PU में पढ़ना काफी प्रतिष्ठा का विषय माना जाता था. लेकिन आज इसकी दशा अत्यंत असंतोषजनक हो गयी है. प्रधानमंत्री जी आप से काफी उम्मीदें थी, आप ही इसे उबारेंगे. लेकिन उस उम्मीद पर फिलहाल पानी फिर गया है. पीएम साहब अभी भी आप से काफी अपेक्षा है, इसे टूटने न दें.
आपके एक नवनियुक्त मंत्री महोदय ने बिहार वासियों को एम्स दिल्ली में इलाज़ करवाने पर काफी निंदनीय बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग एक छोटी सी बिमारी होने पर भी दिल्ली एम्स इलाज करवाने पहुंच जाते हैं, जिसकी वजह से एम्स में इतनी भीड़ लग जाती है. दावा भी किया कि उन्होंने एम्स के अधिकारियों को कहा है कि ऐसे लोगों का बिना इलाज किये उन्हें वापस बिहार भेज दें. शर्मनाक यह है इस स्वास्थ्य राज्यमंत्री महोदय को सबकुछ बिहारवासियों के बूते हासिल हुआ है. बिहार का कर्ज उतारने के बजाय ऐसा लांछन लगा दिया. एम्स के अधिकारियों को उकसाया कि वह बिना इलाज़ किये बिहारी मरीजों को भगा दें. प्रधानमंत्री जी आपको ऐसे मंत्री को सार्वजनिक रूप से क्लास लगाना चाहिए था, उन्हें समस्त बिहार से माफ़ी मांगने को मजबूर करना चाहिए था. लेकिन ऐसा न हुआ. पीएम साहब वाजपेयी जी के समय बिहार को एक एम्स मिला था. लेकिन अभी तक 24 घंटे की आपातकालीन सेवा नहीं शुरू हुई है. न तो यहां ट्रामा सेंटर है और न ही ब्लड बैंक की सुविधा है. आम अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाएं भी मय्यसर नहीं हैं. आपकी सरकार में एक और एम्स, एक राष्ट्रीय बहुकौशल विश्वविद्यालय और बहुत सारे संस्थान स्थापित करने की बजटीय घोषणा हुई थी. लेकिन अभी तक इसमें से एक भी योजना पर कोई काम नहीं हुआ है. सब कागजों में ही कैद हैं. उल्टा यह हुआ कि मुंगेर के जमालपुर स्थित देश की सबसे पुरानी रेल अभियंत्रण संस्थान को बंद करने का फैसला ले लिया गया है. महोदय हमारा नम्र निवेदन है कि कृप्या आपसे आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं, उसे टूटने न दें. बिहार से संबंधित सभी परियोजनाएं शीघ्रता से पूरा कराएं पूरा बिहार आपका आभारी रहेगा. आज आपने छह लेन के गंगा पुल, एनएच की अन्य तीन परियोजनाओं और सीवरेज संबंधित योजनाओं का शिलान्यास किया है, उसके लिए आपके प्रति हृदय से आभार!

-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।

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