बिहार केशरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह हम सबों के गौरव हैं:सुमित

चकाई के पूर्व विधायक माननीय सुमित कुमार सिंह जी ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री अंग क्षेत्र के अमर सपूत बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह जी की 130 वीं जयंती पर भावपूर्वक श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वह हम सबों के गौरव हैं. हमें उनके  जीवन के हर पहलुओं से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने अपनी जिंदगी बिहार निर्माण के लिए समर्पित कर दिया. आज़ादी के बाद से अपने जीवन की आखिरी सांस तक बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे. इस दौरान उन्होंने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन किया, अखंड बिहार अर्थात, बिहार-झारखंड का ऐतिहासिक औद्योगिक विकास किया. उन्होंने अनुसूचित जाति अर्थात, दलित समुदाय के लोगों का देवघर बैद्यनाथ धाम मंदिर में खुद से प्रवेश करवाया. बिहार के शैक्षणिक पुनर्जागरण की आधारशिला रखी. बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया. उनका मुख्यमंत्रित्व काल आज़ाद भारत में बिहार का स्वर्ण काल माना जाता है. सम्पूर्ण देश में बिहार सबसे सुशासित और सबसे तीव्र गति से विकास करने वाला प्रदेश माना जाता था. कहा जाता है कि एक बार प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने उन्हें बिहार छोड़कर भारत का गृह मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा था कि नहीं! मुझे अपनी मिट्टी की सेवा करनी है. अपने प्रदेश तरक्की कर मैं राष्ट्रसेवा में सबसे अधिक योगदान दे सकता हूं. उनकी यह बातें आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है. उन्हें लोग प्यार से श्री बाबू कहते थे. मेरे जीवन पर दो श्री बाबू का काफी प्रभाव पड़ा है. एक मेरे दादाजी पूर्व मंत्री श्रीकृष्ण सिंह जी और दूसरे प्रथम मुख्यमंत्री  डॉ श्रीकृष्ण सिंह जी. प्रथम मुख्यमंत्री अपने जीवन का अधिकांश समय मुंगेर में बिताए. उन्होंने स्वाध्याय  कर इतनी पुस्तकें जमा कर दिया था कि मुंगेर के श्रीकृष्ण सेवा सदन का विराट पुस्तकालय बन गया. आज राजनीति करने वाले पढ़ना छोड़ दिए हैं, ऐसे में वह श्री बाबू कैसे बन सकते हैं?

-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।

Comments

Popular posts from this blog

जमुई में सुपर 30 के तर्ज पर होगा निश्शुल्क कोचिंग का संचालन:मनोज सिंह

पीएम महोदय आपसे जितनी उम्मीदें-अपेक्षाएँ थी वह अधूरी रह गई:सुमित

करें योग रहें निरोग:अंशुमन योगी