केन्द्र समन्वयक की बर्खास्तगी को किसानों ने गलत ठहराया
बरहट प्रखंड स्थित खादीग्राम में मंगलवार दिन भर गरमा-गहमी बनी रही। श्रम भारती के संचालक सह निदेशक, सचिव व सदस्य के खादीग्राम पहुंचने की सूचना पर किसान सहित युवा किसान जुट गए थे। किसानों ने एक स्वर में बर्खास्त केंद्र समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार के संदर्भ हुए जांच पर अंगुली उठाते हुए पुन: जांच की मांग की। श्रम भारती के निदेशक रामचंद्र राही के निर्देश पर जांच कमेटी बनाई गई। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. सुधीर को पूर्ववत पद पर कार्य करने का निर्देश सचिव को दिया। सचिव ने कार्य करने के आदेश के साथ वेतन भुगतान का आदेश दिया। बता दें कि खींचातानी के बीच डॉ. सुधीर कुमार सिंह को कुछ माह पूर्व बर्खास्त कर दिया गया था। मंगलवार को किसानों व कृषि वैज्ञानिक व कर्मी के आक्रोश देखने के बाद संस्था निदेशक ने 14 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। जांच समिति में पांच कृषि वैज्ञानिक डॉ. ब्रजेश, डॉ. प्रमोद, डॉ. चंचल, रश्मि रानी, डॉ. प्रतीक शुक्ला, पांच किसान भावानंद , रामदिनेश शर्मा, विपिन मंडल, त्रिवेणी सिंह, आशीष सिंह, एकाउंट विभाग से शंकर शर्मा, अरुण शुक्ला, संस्था से सरला बहन, स्नेह कुमार सदस्य बनाया गया। सघन जांच के बाद कमेटी डॉ. सुधीर कुमार सिंह के लगे आरोप के पक्ष में साक्ष्य नहीं मिलने तथा आरोप के विरुद्ध साक्ष्य प्राप्त होने के आलोक में सुधीर कुमार सिंह के पक्ष में एकमत से फैसला सुनाया। इस दौरान श्रम भारती के सदस्य व किसानों के बीच बहस भी चली। संस्था के सचिव कपिलदेव सिंह पर किसान आक्रोशित दिखे। मौके पर डॉ. डीएम दिवाकर, कृष्ण कुमार सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे।
-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।


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