साइकिल यात्रियों के जत्था का जमुई में भव्य स्वागत



बेटी बचाओ, वृक्ष लगाओ अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पटना से निकला साइकिल यात्रियों का जत्था रविवार को जमुई पहुंचा। यात्रा दल का जमुई में साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यों ने अम्बेडकर चौक पर स्वागत किया। इस दौरान साइकिल यात्रियों ने अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष पौधरोपण कर पौधा लगाने का संकल्प लोगों को दिलाया। साइकिल यात्रियों का जत्था 9 नवम्बर को पटना से निकला है। 18 नवम्बर को कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित गांधी प्रतिमा के निकट यात्रा का समापन किया जाएगा। साइकिल यात्रा दल का नेतृत्व पर्यावरणविद सुजीत कुमार भगत एवं भाई रंधीर कर रहे थे। सदस्यों ने पत्नेश्वर पहाड़ स्थित जैन मंदिर के प्रांगण में भी पौधरोपण किया। मौके पर सुजीत कुमार भगत ने कहा कि आधुनिकता की अंधी दौड़ में लोग वृक्ष की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। जो पर्यावरण के लिए घातक है। पर्यावरण और बेटी की रक्षा के उद्देश्य से इसके पहले वर्ष 2007 में पूर्व राज्यपाल बलिराम भगत के पैतृक गांव समस्तीपुर जिला अंतर्गत रामचंद्रपुर दशहरा एवं आसपास के गांव के युवकों को इकट्ठा कर जिले में साइकिल यात्रा के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया था। दूसरी यात्रा 2009 में रामचंद्रपुर दशहरा गांव से राजघाट नई दिल्ली की यात्रा की। इसी प्रकार तीसरी यात्रा मोहीउद्दीन नगर समस्तीपुर से देवघर तक यात्रा कर लोगों को वृक्ष और बेटी की महत्ता से अवगत कराते हुए उसकी रक्षा का संकल्प दिलाया। सदस्यों ने बताया कि साइकिल यात्रा दल के दौरान जगह-जगह पीपल का पौधा लगाकर संरक्षित करने का सामाजिक दायित्व निभाने में अपना अमूल्य योगदान करने का संकल्प लोगों को दिलाते हैं। यात्रा दल में सुनिल कुमार, सुधांशु कुमार, नरेन्द्र कुमार राय, संजीव साह, विकास कुमार, संजीत साह, रामनाथ राय,आशीष कुमार, मुकेश कुमार, अशोक कुमार, अशोक कुमार उपमुखिया, विक्रम कुमार एवं विपिन कुमार शामिल हैं। पूर्व राज्यपाल बलिराम भगत के नाम पर गठित बलिराम भगत स्मृति सेवा समिति के सदस्यों का स्वागत करने वालों में साइकिल यात्रा विचार मंच जमुई के हरेराम सिंह,संदीप कुमार रंजन, रविरंजन,शैलेश भरद्वाज सहित अन्य सदस्य शामिल थे।

-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।

Comments

Popular posts from this blog

जमुई में सुपर 30 के तर्ज पर होगा निश्शुल्क कोचिंग का संचालन:मनोज सिंह

पीएम महोदय आपसे जितनी उम्मीदें-अपेक्षाएँ थी वह अधूरी रह गई:सुमित

करें योग रहें निरोग:अंशुमन योगी