सेवा की सियासत अनवरत रहेगी जारी,संकल्प ही नहीं यह बन गई है अपनी आदत:सुमित
जमुई परिसदन में जिला भर के आम लोगों से युवा नायक माननीय सुमित कुमार सिंह जी ने मिलकर उनकी जनसमस्याओं के समाधान का प्रयास किया। मौके पर श्री सिंह ने कहा कि आज की व्यवस्था में सबसे बड़ी समस्या यही है कि आम लोग अपनी पीड़ा, मुश्किल, कष्ट समर्थ, सक्षम प्राधिकार के पास रख नहीं पाते हैं। कहीं उनके रखने में दिक्कत है तो कहीं व्यवस्था का दोष है। लिहाजा, इसमें जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि वह आम लोगों से मिलें, उनकी सुनें और उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए उत्तरदायी विभाग एवं पदाधिकारी को निर्देशित करें। इसमें ही जनप्रतिनिधियों को विषय, व्यवस्था और व्यवस्थागत प्रक्रिया की समझदारी काम आती है जिससे संबंधित प्राधिकार उन्हें तकनीकी मसले में उलझा कर गुमराह न कर सकें।लेकिन दुर्भाग्य है कि देश और राज्य के उच्च एवं प्रभावकारी सदन के जनप्रतिनिधि आकाशकुसुम हो जाते हैं। भगवान भोले से मिलना सहज है, उनके जैसों का दर्शन उनसे भी दूभर हो जाता है। अगर कभी प्रकट भी हुए तो उन जैसों की अपनी समझ ऐसी है कि पदाधिकारी उन्हें चक्करघिन्नी बना देते हैं। अब हज़ारों करोड़ के परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने को जिला स्तरीय अधिकारी निर्देशित करेंगे तो कैसे होगा? हज़ारों करोड़ की परियोजना का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तो भी 50-100 करोड़ में बनेगी। जिला के अधिकारी इसके लिए आवंटन किस आधार पर करेंगे? जब इतनी व्यावहारिक समझ स्पष्ट न होगी तो वैसे लोग क्या खाक किसी व्यक्ति और क्षेत्र का भला कर पाएंगे?एक और बात है कि आम लोगों से मिलने और उनको सुनने से भी क्षेत्र की वास्तविकताओं से गहरी समझ बनती है, क्षेत्र से और अधिक गहराई से जुड़ते हैं। अब जो दूर से नमस्ते कर, हाथ मिलाने पर हैंड सैनिटाइजर खोजने लगें तो समझ जाइये कि जुड़ाव कितना है! बहरहाल, ईश्वर ने हमें जन्म ही सेवा और संस्कार ही सबसे जुड़ने का दिया है। यहां की मिट्टी मन-प्राण में बसी है तो दायित्व नहीं मिलने के बाद भी जनसेवा से दूर तो रह नहीं सकता हूं! हरसंभव भरसक प्रयास करता रहता हूं। ख्वाहिश बस इतनी है कि इस कोशिश में मेरी ओर से कभी कमी न हो पाए।इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे।
-अभिषेक कुमार सिंह, जमुई।



Comments
Post a Comment