मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता नीतीश जी के नेतृत्व और जदयू के प्रति अक्षुण्ण रहेगी:सुमित
जमुई से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट:-------
सोमवार को प्रदेश जदयू कार्यालय पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की उपस्थिति में पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, युवा नायक सुमित कुमार सिंह, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र मांझी के अलावे हम पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने जदयू की सदस्यता ग्रहण किए।इस मौके पर युवा नायक सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मैं पिछले तीन वर्षों से निर्दलीय राजनीति के पथ पर आगे बढ़ रहा था। मेरा सियासी कद भले मज़बूत हो रहा था। लेकिन अपने चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र के विकास की गति को मज़बूती नहीं दे पा रहा था। न राज्य में सत्ताधारी पार्टी और न ही केंद्र में सत्ताधारी पार्टी से मेरा कोई जुड़ाव था, लिहाज़ा अपने इलाके के लिए एक समन्वित विकास दृष्टि होने के बावजूद उसे साकार करने में असमर्थ था। मेरे समक्ष तीन विकल्प थे --
1. मैं निर्दलीय रहकर अपनी राजनीतिक हैसियत और बढ़ाता! मुझे पूरा भरोसा है कि निर्दलीय रहने के बाद भी चकाई विधानसभा के लोग मुझे आगे अपना प्रतिनिधि निश्चय ही चुनते। गत चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 35 हज़ार मतदाताओं ने मुझ पर अपने स्नेह के साथ जो विश्वास जताया था, उससे ही यह उम्मीद बंधती है। मैं अपना सियासी कद तो बढ़ा लेता, लेकिन निर्दलीय रहकर अपने चकाई विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदों-आकांक्षाओं को क्या पूरा कर पाता?
2. दूसरा विकल्प एनडीए के घटक दल नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाले जदयू में जाना। राज्य और केंद्र की सरकारों के सहयोग से चकाई, जमुई और अंग क्षेत्र की उम्मीदों को उड़ान देने की कोशिश करना। कल ही मैंने गोड्डा के सांसद बड़े भाई समान निशिकांत दुबे जी की चर्चा की थी। वह 2009 से ही सांसद हैं। लेकिन पिछले कार्यकाल में बड़ी परियोजना नहीं ला सके। क्योंकि केंद्र में दूसरे गठबंधन की सरकार थी। इस बार अपनी एनडीए की सरकार बनी तो उन्होंने बड़ी परियोजनाओं की झड़ी लगा दी। लिहाज़ा, एक दल और सत्ताधारी दल के साथ परस्पर सहयोग का यह विकल्प मेरे समक्ष था। इसमें मेरे स्वतंत्र राजनीतिक हैसियत को दलीय सीमाओं-मर्यादाओं के दायरे में बंधना होता। चकाई-जमुई और अंग क्षेत्र के लिए कोई भी कुर्बानी स्वीकार्य है। मेरी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से कहीं बढ़कर महत्वपूर्ण है चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र की भलाई।
3. तीसरा विकल्प विपक्ष अर्थात, राजद गठबंधन के साथ जाना। क्या यह विकास और क्षेत्र की भलाई के लिए उपयुक्त होता? लिहाज़ा, मैंने दूसरे विकल्प को अंगीकार किया। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के खिलाफ भी राजनीति की तो उनकी विकासदृष्टि के प्रति मेरा गहरा सम्मान रहा। सदैव उनसे आग्रहपूर्वक अपने क्षेत्र, जिला, इलाके के विकास के लिए निवेदन करता रहा। विपक्ष में होने के बावजूद वह भी मेरे आवेदन, निवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते थे। कुछेक मांगों को स्वीकार भी किया। तदनुसार कारवाई भी किया था। अब उनके नेतृत्व में जदयू के निष्ठावान राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर साधिकार प्रयत्न कर सकूंगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री जी चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र पर अपनी स्नेहकृपा समावेशी विकास के रुप में विशेष तौर पर प्रदान करेंगे। निज लाभ की कोई कामना नहीं है। इसके साथ ही यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सबों का गैर राजनीतिक क्षेत्रीय आकांक्षाओं का सामाजिक संगठन 'अंग रक्षक' का स्वतंत्र अस्तित्व बरकरार रहेगा। यह तमाम प्राधिकारों के लिए क्षेत्रीय दवाब समूह के तौर पर काम करता रहेगा। इसका और विस्तार कर अधिक प्रभावकारी बनाया जाएगा। मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता नीतीश जी के नेतृत्व और जदयू के प्रति अक्षुण्ण रहेगी। इसके अतिरिक्त सबकुछ पूर्ववत ही रहेगा। सभी वर्ग समुदाय, समाज, बिरादरी के मान-सम्मान, हक-हकूक, अधिकार, भाईचारा, सामाजिक सौहार्द, शांति-अमन की रक्षा मैं निष्ठा एवं प्रतिबद्धता से करूँगा। इसका संकेत माननीय नीतीश जी ने खुद आज दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सामाजिक शांति और भाईचारे के बिना विकास नहीं हो सकता है। अतः मेरे लिए पूरे अंग क्षेत्र के हरेक नागरिक मेरे वृहद परिवार के अंग हैं। सबकी सेवा के लिए सुमित पूर्ववत सदैव तत्पर है, हर क्षण उपलब्ध है।इस अवसर पर जदयू के प्रदेश अध्य्क्ष वशिष्ट नारायण सिंह, मंत्री ललन सिंह, पूर्व मंत्री दामोदर रावत सहित बड़ी तादाद में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सोमवार को प्रदेश जदयू कार्यालय पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की उपस्थिति में पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, युवा नायक सुमित कुमार सिंह, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र मांझी के अलावे हम पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने जदयू की सदस्यता ग्रहण किए।इस मौके पर युवा नायक सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मैं पिछले तीन वर्षों से निर्दलीय राजनीति के पथ पर आगे बढ़ रहा था। मेरा सियासी कद भले मज़बूत हो रहा था। लेकिन अपने चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र के विकास की गति को मज़बूती नहीं दे पा रहा था। न राज्य में सत्ताधारी पार्टी और न ही केंद्र में सत्ताधारी पार्टी से मेरा कोई जुड़ाव था, लिहाज़ा अपने इलाके के लिए एक समन्वित विकास दृष्टि होने के बावजूद उसे साकार करने में असमर्थ था। मेरे समक्ष तीन विकल्प थे --
1. मैं निर्दलीय रहकर अपनी राजनीतिक हैसियत और बढ़ाता! मुझे पूरा भरोसा है कि निर्दलीय रहने के बाद भी चकाई विधानसभा के लोग मुझे आगे अपना प्रतिनिधि निश्चय ही चुनते। गत चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 35 हज़ार मतदाताओं ने मुझ पर अपने स्नेह के साथ जो विश्वास जताया था, उससे ही यह उम्मीद बंधती है। मैं अपना सियासी कद तो बढ़ा लेता, लेकिन निर्दलीय रहकर अपने चकाई विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदों-आकांक्षाओं को क्या पूरा कर पाता?
2. दूसरा विकल्प एनडीए के घटक दल नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाले जदयू में जाना। राज्य और केंद्र की सरकारों के सहयोग से चकाई, जमुई और अंग क्षेत्र की उम्मीदों को उड़ान देने की कोशिश करना। कल ही मैंने गोड्डा के सांसद बड़े भाई समान निशिकांत दुबे जी की चर्चा की थी। वह 2009 से ही सांसद हैं। लेकिन पिछले कार्यकाल में बड़ी परियोजना नहीं ला सके। क्योंकि केंद्र में दूसरे गठबंधन की सरकार थी। इस बार अपनी एनडीए की सरकार बनी तो उन्होंने बड़ी परियोजनाओं की झड़ी लगा दी। लिहाज़ा, एक दल और सत्ताधारी दल के साथ परस्पर सहयोग का यह विकल्प मेरे समक्ष था। इसमें मेरे स्वतंत्र राजनीतिक हैसियत को दलीय सीमाओं-मर्यादाओं के दायरे में बंधना होता। चकाई-जमुई और अंग क्षेत्र के लिए कोई भी कुर्बानी स्वीकार्य है। मेरी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से कहीं बढ़कर महत्वपूर्ण है चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र की भलाई।
3. तीसरा विकल्प विपक्ष अर्थात, राजद गठबंधन के साथ जाना। क्या यह विकास और क्षेत्र की भलाई के लिए उपयुक्त होता? लिहाज़ा, मैंने दूसरे विकल्प को अंगीकार किया। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के खिलाफ भी राजनीति की तो उनकी विकासदृष्टि के प्रति मेरा गहरा सम्मान रहा। सदैव उनसे आग्रहपूर्वक अपने क्षेत्र, जिला, इलाके के विकास के लिए निवेदन करता रहा। विपक्ष में होने के बावजूद वह भी मेरे आवेदन, निवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते थे। कुछेक मांगों को स्वीकार भी किया। तदनुसार कारवाई भी किया था। अब उनके नेतृत्व में जदयू के निष्ठावान राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर साधिकार प्रयत्न कर सकूंगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री जी चकाई विधानसभा क्षेत्र, जमुई जिला और अंग क्षेत्र पर अपनी स्नेहकृपा समावेशी विकास के रुप में विशेष तौर पर प्रदान करेंगे। निज लाभ की कोई कामना नहीं है। इसके साथ ही यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सबों का गैर राजनीतिक क्षेत्रीय आकांक्षाओं का सामाजिक संगठन 'अंग रक्षक' का स्वतंत्र अस्तित्व बरकरार रहेगा। यह तमाम प्राधिकारों के लिए क्षेत्रीय दवाब समूह के तौर पर काम करता रहेगा। इसका और विस्तार कर अधिक प्रभावकारी बनाया जाएगा। मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता नीतीश जी के नेतृत्व और जदयू के प्रति अक्षुण्ण रहेगी। इसके अतिरिक्त सबकुछ पूर्ववत ही रहेगा। सभी वर्ग समुदाय, समाज, बिरादरी के मान-सम्मान, हक-हकूक, अधिकार, भाईचारा, सामाजिक सौहार्द, शांति-अमन की रक्षा मैं निष्ठा एवं प्रतिबद्धता से करूँगा। इसका संकेत माननीय नीतीश जी ने खुद आज दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सामाजिक शांति और भाईचारे के बिना विकास नहीं हो सकता है। अतः मेरे लिए पूरे अंग क्षेत्र के हरेक नागरिक मेरे वृहद परिवार के अंग हैं। सबकी सेवा के लिए सुमित पूर्ववत सदैव तत्पर है, हर क्षण उपलब्ध है।इस अवसर पर जदयू के प्रदेश अध्य्क्ष वशिष्ट नारायण सिंह, मंत्री ललन सिंह, पूर्व मंत्री दामोदर रावत सहित बड़ी तादाद में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

Comments
Post a Comment