बिहार के सही मायनों में श्री बाबू निर्माता थे:सुमित
🔴👉आज बिहार केसरी श्रीबाबू अर्थात, प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह जी की पुण्यतिथि पर युवा नायक माननीय सुमित कुमार सिंह जी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि बिहार के सही मायनों में श्री बाबू निर्माता थे। अखंड बिहार( बिहार-झारखंड) में विकास की नींव डाल, पुष्पित-पल्लवित उन्होंने ही किया। दोनों राज्य की ज्यादातर औद्योगिक ईकाइयां उनकी ही कृति है। सिंदरी, बोकारो, रांची, बरौनी सब के सब श्रीबाबू के नजरिये के बदौलत बना। भारी उद्योग, चीनी उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, उर्वरक कारखाने, इस्पात उद्योग, विद्युत उत्पादन उद्योग कितना गिनाऊं सब उनकी ही देन है। हम अगर पिछले साठ-सत्तर वर्ष में उनकी लीक पर चले होते तो आज बिहार-झारखंड राष्ट्र में विकास का प्रतिमान कहलाता। उनके दौर में हमारा राज्य देश में विकास की गति के मामले में सर्वश्रेष्ठ था। सुशासन के लिए बिहार तभी जगत्प्रसिद्ध था। शैक्षणिक व्यवस्था के नजरिये से भी शानदार था। तब पटना विश्वविद्यालय एशिया का कैम्ब्रिज कहलाता था। मुझे श्रीबाबू के व्यक्तित्व और उनके नाम से व्यक्तिगत लगाव भी है, मेरे दादाजी को भी श्रीबाबू ही कहा जाता...